STORYMIRROR

सोनी गुप्ता

Abstract Inspirational

4  

सोनी गुप्ता

Abstract Inspirational

जिंदगी

जिंदगी

1 min
354

कितना बदल गया वक्त 

एक आईना दिखाती है जिंदगी, 

कितना कुछ बदल गया 

अब यह सब बताती है जिंदगी, 


आज मजबूर हैं अपनों से दूर हैं

 लेकिन साथ निभाया है, 

अपनों से दूर रहकर ही 

कितनों की संभाली है जिंदगी, 


रूप बदला रंग बदला 

जाने कितना इसका ढंग बदला, 

संभल कर रखते हैं कदम 

कहीं छूट ना जाए ये जिंदगी, 


रोज एक नई उम्मीद लगाते हैं 

फिर लौटेगा वो समय, 

खुली हवा में सब सांस लेंगे, 

खुशियों से महक जाएगी जिंदगी, 


इस कोरोना में किसी के सपने

 पूरे हुए किसी के टूट गए, 

न जाने कब और कहाँ 

क्या- क्या रंग दिखाती है जिंदगी, 


कई बार सोचा अपनों से मिल आए 

हाल-चाल तो पूछ लें , 

पर हिम्मत ना होती डर लगता 

कहीं बदल ना जाए जिंदगी।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract