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Phool Singh

Drama Classics Inspirational

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Phool Singh

Drama Classics Inspirational

जिंदगी

जिंदगी

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ख्वाब नहीं है जिन्दगी

यह तो झूठ-सच-वास्तविकता निचोड़ है 

हर पल नए-नए खेल दिखाती

जो, उलझन-समस्या, सुख- दुख का गठजोड़ है।।


समझ गये तो तर गये यारों 

नही तो, घर में चिंता-शोक का शोर है 

जितनी बची है हँस कर काट लो 

क्योंकि कल पर भूत- भविष्य की काली घटा घनघोर है।।


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