जिंदगी
जिंदगी
देखो आज दिल में बहुत उदासी है,
अंजाम तक न पहुंचा साथी है,
बड़ी मन्नतों से,बड़ी जद्दोजहद से,
हासिल जिंदगी का मुकाम खाली है।
हार मुकाम से पहले इंसान की है,
कोशिशों का मुकाम हासिल है,
अभी हम पैदल जमीं पर हुये हैं,
परवाह कोशिशों के अंजाम की है।
जद्दोजहद तो जीवन का हिस्सा है,
चलता रहे मुसाफिर उठापटक तो होगी,
आज की दौड़ कल की जीत का हिस्सा है,
धैर्य के सहारे हौसलों की उड़ान तो होगी।