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shruti chowdhary

Abstract Tragedy

4.5  

shruti chowdhary

Abstract Tragedy

जिंदगी

जिंदगी

1 min
106


कभी तानों में कटेगी, कभी तारीफों में

ये जिंदगी है यारों, पल पल घटेगी !!

पाने को कुछ नहीं, ले जाने को कुछ नहीं

फिर भी क्यों चिंता करते हो,

इससे सिर्फ खूबसूरती घटेगी,

ये जिंदगी है यारों पल-पल घटेगी !

बार बार रफू करता रहता हूँ..

जिंदगी की जेब !!


कम्बखत फिर भी, निकल जाते हैं...

ख़ुशियों के कुछ लम्हें !!

जिंदगी में सारा झगड़ा ही...ख़्वाहिशों का है !!

ना तो किसी को ग़म चाहिए,

ना ही किसी को कम चाहिए !

खटखटाते रहिए दरवाज़ा...,

एक दूसरे के मन का मुलाकातें ना सही,

आहटें आती रहनी चाहिए !


उड़ जाएंगे एक दिन ...

तस्वीर से रंगों की तरह !

हम वक्त की टहनी पर...

बैठे हैं परिंदों की तरह !!

बोली बता देती है, इंसान कैसा है!

बहस बता देती है, ज्ञान कैसा है!

घमंड बता देता है, कितना पैसा है !

संस्कार बता देते है, परिवार कैसा है !!

ना राज़ है... जिंदगी ना नाराज़ है...

जिंदगी बस जो है, वो आज है, जिंदगी !-

जीवन की किताबों पर,

बेशक नया कवर चढ़ाइये

पर...बिखरे पन्नों को,

पहले प्यार से चिपकाइये !!


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