भाई
भाई
सुन लो कन्हैया
बनके भईया
पार लगा दे मेरी
जीवन नैया
हे मुरलीधर
मुरली धरे अधर
ज्ञान रत्न भर
दो मेरी गघर
जीवन अथाह
सागर सी लहर
डग डग चलो
दिखा दे डगर
सुन मेरो भइया
बनके खिवैया
पार लगा दे
भावसागर सी नैया
मैं तेरी नीति
मैं नहीं चिटी
तुझसे जीती
तुझमें ही प्रीति
नाम नताशा
खाऊं बताशा
हरलो हताशा
हरी! हर निराशा।
