श्री गणेश
श्री गणेश
हे गौरी सुत गणेश, हर लो मेरे क्लेश
विघ्नहर्ता तुम सारे जग के
फिर काहे की है अब देर
हे गौरी सुत गणेश, हर लो मेरे क्लेश।
भक्तों के हो तुम रखवाले
बिगड़ों के सब काज संवारे
तनिक करो न अब तुम देर
हे गौरी सुत गणेश, हर लो मेरे क्लेश।
मूषक की करते सवारी
हरते सबकी विपदा सारी
सुन लो आज अरज हमारी
तुम पर हूं मैं बलिहारी।