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Shreya Mishra

Tragedy Inspirational

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Shreya Mishra

Tragedy Inspirational

जिंदगी तो बड़ी है,पर सोच नही

जिंदगी तो बड़ी है,पर सोच नही

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अभी तो जीना शुरू किया है,पाबंदियां इतनी ना लगाओ,,,,,!

कम बोलो,नज़रे झुका कर चलो,,ये सब बोल,अभी से उम्मीदें मेरी ना गिराओ,,,!

इतने छोटे कपड़े क्यों पहना है,

बड़े घर की बेटी हो,,,,

कुछ तो अपने अंदर संस्कार दिखाओ,,,!

एक बार ये क्यू नही कहा,,,?

पढ़ो - लिखो मां बाप का नाम रौशन कर जाओ,,,,

जब देखते हो तिरछी नजर से,,

डर जाती हूं,,,

बोलते हो बड़ी हो गई हो अब बेलन उठाओ,,,,,,!

एक बार तो कहो,,

की बेटी तुम भी स्कूल जाओ,,,,

पढ़ो लिखो नाम कमाओ,,,

बेलन चौका छोड़ अब कलम उठाओ,,,,!

एक बार तो कहो,,,,,

की तुम भी कर सकती हो,,,,

एक बार तो कहो,,,

सहमी नजरो में ललक जगाओ,,,,,!

एक बार तो कहो,,,,

कि पुरुष प्रधान समाज में तुम भी अपनी पहचान बनाओ,,,,,,!

एक बार तो कहो ,,,,

नारी हो तो क्या हुआ,,,,,,

अपने हक के लिए तुम भी लड़ जाओ,,,!

अब और, पीछे मत जाओ,,,,,!

इस भीड़ में अब तुम भी थोड़े धक्के खाओ,,,,,

और इन जख्मों से सीख लेकर,,,,

तुम भी मजबूत बन जाओ,,,,,,

अये नारियों अपने अंदर के काली को जगाओ,,,,

आंखो में आंखे डाल अपनी पूरी बात कह जाओ,,,,,

और इस समाज में बेझिझक नारा लगाओ,,,,,,,

बेटी बचाओ,,,,,

बेटी पढ़ाओ,,,,,,!!


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