STORYMIRROR

shaanvi shanu

Abstract Classics Inspirational

4  

shaanvi shanu

Abstract Classics Inspirational

जिंदगी को भाग्य पर छोड़ मत

जिंदगी को भाग्य पर छोड़ मत

1 min
343

अपनी जिंदगी को भाग्य पर छोड़ मत

भविष्य के सुंदर सपनों को तोड़ मत

माना अतीत के गीत पुनीत हैं

आगे देखना इस दुनिया की रीत है


बीते समय को उंगलियों पर जोड़ मत

समय के नब्ज को पहचान,

कर्तव्य को सबसे ऊपर जान

जिंदगी की गाड़ी को दलदल में मोड़ मत

तू ही अपने भाग्य का विधाता है

सुकर्म से ही भविष्य संवरता है।


कुकर्म से अपने भाग्य को फोड़ मत

पग-पग पर बाधा है वैसे जीवन तो सादा है,

स्वार्थ के चलते गढे मूरदे को कोड मत,

जीवन में संघर्ष कर

सत॒ पथ पर पांव धर

आज का काम तू कल पर छोड़ मत,


बाधा सब हट जायेंगे, काल भी भय खायेंगे

अपनी हिम्मत और मनोबल कभी भी छोड़ मत

अपनी जिंदगी को भाग्य पर छोड़ मत।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract