जिंदगी को भाग्य पर छोड़ मत
जिंदगी को भाग्य पर छोड़ मत
अपनी जिंदगी को भाग्य पर छोड़ मत
भविष्य के सुंदर सपनों को तोड़ मत
माना अतीत के गीत पुनीत हैं
आगे देखना इस दुनिया की रीत है
बीते समय को उंगलियों पर जोड़ मत
समय के नब्ज को पहचान,
कर्तव्य को सबसे ऊपर जान
जिंदगी की गाड़ी को दलदल में मोड़ मत
तू ही अपने भाग्य का विधाता है
सुकर्म से ही भविष्य संवरता है।
कुकर्म से अपने भाग्य को फोड़ मत
पग-पग पर बाधा है वैसे जीवन तो सादा है,
स्वार्थ के चलते गढे मूरदे को कोड मत,
जीवन में संघर्ष कर
सत॒ पथ पर पांव धर
आज का काम तू कल पर छोड़ मत,
बाधा सब हट जायेंगे, काल भी भय खायेंगे
अपनी हिम्मत और मनोबल कभी भी छोड़ मत
अपनी जिंदगी को भाग्य पर छोड़ मत।
