"ज़िंदगी की नाव"
"ज़िंदगी की नाव"
ज़िंदगी की नाव पर
मझधार से साहिल तक
सफ़र करना है
पथिक तुझे अकेले...!!
लहरें शोर कर उठेंगी
राह तेरी रोकेंगी
थामे रहना तू पतवार
आए चाहे तूफ़ानों के रेले...!!
भले ही हिचकोले खाए,
साहिल तक की राह में
ज़िंदगी की नाव, लेकिन
न तोड़ पाएगी तेरे हौसले...!!
हर तूफ़ाँ से लड़ लोगे,
जिगर के बड़े ही पक्के
जीवन नैया के नाविक,
तुम हो बड़े ही हठीले.....!!