Become a PUBLISHED AUTHOR at just 1999/- INR!! Limited Period Offer
Become a PUBLISHED AUTHOR at just 1999/- INR!! Limited Period Offer

Jyoti Astunkar

Abstract Inspirational

4  

Jyoti Astunkar

Abstract Inspirational

ज़िंदगी के मोड़

ज़िंदगी के मोड़

1 min
437


इम्तहान लेती है ज़िंदगी हर मोड़ पर,

कुछ मोड़ होते है जो बस गुज़र जाते हैं,

कुछ होते है जो जरा रुककर चले जाते हैं,

और कुछ एक बोझ बनकर रह जाते हैं,


गुज़ारना तो उस वक्त को भी होता है,

गुज़रना तो उस मोड़ से भी होता है,

सदियों से चलती घड़ी की सुइयां भी कभी,

बेवक्त अपनी शख़्सियत भूल जाया करतीं हैं,


सालों से टिक टिक करती ये सुइयां,

इस मोड़ पर रुकने को तुल जाती हैं,

कभी न थकने वाली वो सुइयां,

रुकी हुई सी आज नज़र आती हैं,


दिल मजबूर और दिमाग समझदार होता है,

दोनों के तालमेल का एक प्यारा सा अंदाज होता है,

मजबूर दिल रोता है, की जानता है वो सब कुछ,

समझदार दिमाग नहीं चाहता समझना अब कुछ,


हालातों को बदलना हमारे हाथों में नहीं,

कशमकश दिलों दिमाग की सुलझाना भी बस में नहीं,

ज़िंदगी का बड़ा इम्तहान है यही, 

गुज़र जाए ये और बस कोई आस नहीं।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract