जिंदगी का सफर
जिंदगी का सफर
रिश्तों को,
पेपर नैपकिन मत समझो,
काम में लिया,
कूड़ेदान में फेंक दिया....!
रिश्तों को,
जेवर भी मत समझो,
दिखाने को पहना,
अलमारी के लॉकर में
बंद कर दिया।
आवश्यकता पड़ी तो,
याद कर लिया,
नहीं तो दिमाग के किसी
कोने में बंद कर दिया....!!
रिश्तों को,
जूता भी मत समझो,
कई दिन नहीं पहनो तो,
गंदा ही पड़े रहने दो
पहनना हो तो, पोलिश
लगा कर चमका दिया,
काम नहीं आये तो भी,
चमका कर रखो.....!!
रिश्तों को,
सेफ्टी पिन जैसा भी
मत समझो,
वैसे कद्र नहीं करो,
कपड़ा फट जाए तो
ढूंढते रहो....!!
रिश्तों को,
नाखून भी ना समझो,
थोड़े खराब लगने
लगे तो, काट कर फेंक
दिया....!!
रिश्तों को,
हीरे की कीमती अंगूठी
समझो,
गंदी हो जाए तो,
साफ़ कर के फौरन
पहन लो....!!
रेशम का कीमती रुमाल
सा समझो,
कड़वाहट से गंदे होने लगे
तुरंत साफ़ करो....!!
अपने बालों सा रखो,
बार बार संवारते रहो।
खुद के चेहरा सा,
खूबसूरत बना कर रखो !!