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Akhil Bardhan

Others

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Akhil Bardhan

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दोस्त की याद

दोस्त की याद

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आज रूठा हुआ एक दोस्त बहुत याद आया,

अच्छा गुज़रा हुआ कुछ वक़्त बहुत याद आया।


मेरी आँखों के हर एक अश्क पे रोने वाला,

आज जब आँख यह रोई तो तू बहुत याद आया ।


जो मेरे दर्द को सीने में छुपा लेता था,

आज जब दर्द हुआ मुझ को तो बहुत याद आया ।


जो मेरी आँख में काजल की तरह रहता था

आज काजल जो लगाया तो तू बहुत याद आया ।


जो मेरे दिल के था क़रीब फ़क़त उस को ही,

आज जब दिल ने बुलाया तो वह बहुत याद आया।


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