Amit Singhal "Aseemit"

Inspirational

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Amit Singhal "Aseemit"

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ज़िंदगी का ज़रूरी फ़लसफ़ा

ज़िंदगी का ज़रूरी फ़लसफ़ा

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ज़िंदगी का समझ लो, एक यह ज़रूरी फ़लसफ़ा।

तुम किससे करो और किससे ना करो वफ़ा।


जब तुम रूठो और वह तुमको ना मनाये।

जो तुमसे तो हो जाए छोटी सी बात पर ख़फ़ा।

उससे मत करो तुम वफ़ा।


कोई जो तुम्हारी लाख़ वफ़ाओं के बदले में।

तुम्हें दे सिर्फ़ आंसू और दर्द और करे तुमसे जफ़ा। 

उससे मत करो तुम वफ़ा।


जो अपने गुरूर में, जो अपने गुस्से में।

तुम्हारी हर खुशी को, बार बार करे रफ़ा दफ़ा।

उससे मत करो तुम वफ़ा।


तुम्हारी हर कोशिश को, जो तुमने उसको जताने की।

तुम्हारे जज़्बात ए दिल को बेदर्दी से नज़रंदाज़ करे हर दफ़ा।

उससे मत करो तुम वफ़ा।


जो खुद तो उड़े पंछी जैसे, खुले आसमान में हर जगह।

तुम्हें रखे इस तरह जैसे, कोई बंधन कोई गहरी काली गुफ़ा।

उससे मत करो तुम वफ़ा।


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