जिन्दगी जीत जाएंगी (कोरोनाकाल)
जिन्दगी जीत जाएंगी (कोरोनाकाल)
रख ले खुद को सयंम में
लाखों जिन्दगीयाँ बच जाएगी
मौत के इस मैदान में,
जिन्दगी जीत जाएगी
कर्जदार है तु इस धरा का
तेरी भी कर्म करने कि बारी आएगी
मौत के इस मैदान में,
जिन्दगी जीत जाएगी
चाहे लाखों कर लो तुम साजिशें
फिर भी कुदरत मुस्कुराएगी
मौत के इस मैदान में,
जिन्दगी जीत जाएगी
काले बादल हट कर
खुशियों की बहार आएगी
मौत के इस मैदान में,
जिन्दगी जीत जाएगी
मौत के इस सिलसिले में,
शायद इंसानियत जाग जाएगी
मौत के इस मैदान में,
जिन्दगी जीत जाएगी।