जिंदा लाश
जिंदा लाश
किसी ने बलिदान कर दिया
तो किसी ने दान।
मैं कोई बस्तु नहीं थी,
थी मुझमें भी जान।
किसी ने पर देकर
आसमान छीन लिया
किसी ने पंख तोड़कर
दे दिया उडान।
मैं खिलौना नहीं,
जिंदा परिंदा थी।
किसी ने जान डालकर,
सांसे छीन ली।
किसी ने जीवन मांगा
जब मैं खुद थीं,
एक जिंदा लाश।
परवाह किसे थी मेरी
सब थे एक से बढ़कर
एक महान।
तुम तो दया करो,
हे दया निधान।