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Yogesh Kanava

Abstract Inspirational

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Yogesh Kanava

Abstract Inspirational

जिंदा आज भी ज़फर

जिंदा आज भी ज़फर

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मुखबिर ने दी है खबर

जिंदा आज भी ज़फर

हिंद अपना अपना रहे

देखा फिरंगी जुल्मों ज़बर

खूब लिखे असरार

छोड़ी न कोई कसर

आगरे का लाल किला

कहता आज भी ज़फर

उठ लड़ खड़ा हो

है वक़्त नाज़े फज़र

ये ज़माना अब हिंद का

कर रहा इशारा गज़र

 निकली तलवार टीपू की

कुछ कहती तुझसे ज़फर

फिरंगी तो चले गए

है लूट का अभी असर

बन रहबर लूटते

नेताओं का ये है ज़बर

उठ फिर खड़ा हो

हिंद कहता ओ ज़फर



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