जीवन
जीवन
"जीवन है तेरा,
तेरे हक से जी...
जिंदगी भी तेरी,
जैसा जी चाहे जी...
किसी का ना अधिकार हैं,
ना किस का खिलौना..
किसी पर ना निर्भर है,
तेरा जीवन साक्षर है...
ये गुलामी कि दासता...
कब तक चलेगी...
तुझे भगवान का वासता...
ऐसा ना कर तू हादसा,
खुद कुछ तो कर दिखा...
अपने पैरो पर खड़े हो जा,
साक्षरता कि मदद ले के...
अपनी जिंदगी संवारे जा...
अपनी जिंदगी है..
अपने तरीके से जी...
इसका और न मतलब है,
बस अच्छी तरह जी...!!!"