अनदेखा जीवनसाथी
अनदेखा जीवनसाथी
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दिल दीवाना है उसका...
उसे कभी देखा तक नहीं...
ना जाने है वो कहाँ का...
उसका नाम तक मालूम नहीं...
बेपनहा मुहब्बत करते हैं उसे...
हमारे लिये भगवान बनाया जिसे...
मेरे हर सुबह की किरन है वो...
जीने का सहारा भी वहीं है वो...
उसी से हैं मेरी सभी आशाएँ...
उसी से हैं मेरी सभी निराशाएँ...
कब जाने मिलन होगा...
अनदेखा अनजाना..मेरा सजन होगा...
वही मेरा सजन होगा...
अनदेखा जीवनसाथी...!!
