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Suchita Agarwal"suchisandeep" SuchiSandeep

Inspirational

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Suchita Agarwal"suchisandeep" SuchiSandeep

Inspirational

जीवन सुख

जीवन सुख

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जीवन सुखकारी या दुखकारी,

निर्भर हम पर करता है।

हम आशावादी, सुख के आदी,

प्रेम प्यार दुख हरता है।


जब सुख हम देंगे, खुद पा लेंगे,

यही रीत तो चलती है।

सूरज जब आता, तम छिप जाता,

सुखद भोर तब खिलती है।


सुंदर भावों का, उपकारों का,

प्यासा यह जग सारा है।

सूखी धरती पर, मेघा आकर,

बरसाये जब धारा है।


तब कण-कण खिलता, मधुरस मिलता,

गीत खुशी के गाते हैं ।

जो औरों के हित, बढ़ते हैं नित,

स्वर्ग धरा पर पाते हैं।


हम प्रण कर लेंगे, खुशियाँ देंगे,

क्रोध भाव को छोडेंगे।

जो राह रोकदे, हमें टोक दे,

कदम तभी हम मोड़ेंगे।


है मनन किया जो, अमल करो वो,

आगे बढ़ते,जाना है।

'शुचि' जोश भरो अब, जागोगे कब,

 जीवन सुख तो पाना है।


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