जीवन मुल्य।
जीवन मुल्य।
दादी और नानी की यादें,
हैं बहुत से किस्से पुराने,
जब भी आती है कठिनाई,
उनकी बातें करती होंसला विदाई।
वो कहती थीं,
हमेशा दो सच का साथ,
चाहे कैसे भीहों हालात,
कभी न करो हिंसा प्रयोग,
जैसा मर्जी हो विरोधी का प्रहार,
खूब करो मेहनत,
जी ने चुराओ इससे,
बेइंसाफी के विरुद्ध,
आवाज़ हो बुलंद,
पर्यावरण को बचाना,
हम सबका है धर्म,
बड़ों का करो आदर,
छोटों से प्यार,
यही सफल जीवन का आधार,
कभी निर्बल को न सताओ,
बल्कि उसकी मदद को जाओ,
समाज की करो सेवा,
यही सही सबक है मनुष्यता का।