जीवन में निहित सार
जीवन में निहित सार
जीवन मंथन कीजिए,
निकाला कीजिए सार।
जीवन जीने के लिए,
खुद को रखिए तैयार।
घुट घुट कर के जीना ,
यह कैसा जीना है।
जीवन जीने के लिए,
सारे गम को पीना है।
हिल मिलकर चलिए,
और बरसाइए अपना प्यार।
जीवन जीने के लिए,
खुद को रखिए तैयार।
जीवन है अनमोल रतन,
सही शैली से जीना सीखें।
जीव जंतु के हर पीड़ा को,
हृदय की आंखों से देखें।
मृदुल वाणी के संग- संग,
बदलें अपना व्यवहार।
जीवन जीने के लिए,
खुद को रखिए तैयार।
कांटों के ऊपर फूल खिलाए ,
जीना इन से सीखा जाए ।
परोपकारी व्यक्ति संग रहिए,
परमात्मा के दर्शन कीजिए।
जीवन मंथन कीजिए,
यह अद्भुत है संसार।
जीवन जीने के लिए,
खुद को रखिए तैयार।