छू ले आसमान
छू ले आसमान
ए नादान तू कहां है छिपा,
सुन ले मेरी एक बात ज़रा
सुस्ती और आलस को दूर भगा,
वरना मिलेगी तुझी को सज़ा
किस्मत से किसी को कुछ न मिला,
मेहनत है लगी और पसीना बहा
किसी और के हक़ पे न नज़र लगा,
तेरे लिए है बनी कोई और जगह
हिम्मत ना हार, तू रख हौसला,
धीरे कम होता जाएगा फासला
थक जाए जो कदम तो रुक जा ज़रा,
फिर जब निकलो तो दौड़ लगा
अब जल्दी उठ और कदम बढ़ा,
एक दिन तुझे है छूना आसमाँ।