Shilpa Sekhar
Abstract
अक्सर मुझे लोग कहते हैं कि मैं हूं अलग,
मेरे सोच - विचार नहीं आता उनको समझ।
छोटी बनना है
क्यों है?
नेक इरादा
धुम्रपान
हंसी
साथ रहो
हम साथ साथ है...
अलग
धरती पर भगवान
सेहत बनाओ!
लॉकडाउन यह लॉकडाउन नहीं जीवन रक्षक मंत्र है. लॉकडाउन यह लॉकडाउन नहीं जीवन रक्षक मंत्र है.
ज़िंदगी रुक नहीं जाती सपनों के टूट जाने से ज़िंदगी रुक नहीं जाती सपनों के टूट जाने से
शब्द हैं शक्ति शब्द हैं भक्ति शब्द हैं ज्ञान शब्द हैं अज्ञान। शब्द हैं शक्ति शब्द हैं भक्ति शब्द हैं ज्ञान शब्द हैं अज्ञान।
अपने सपनों के लिए, उठकर सुनाता कहानी। अपने सपनों के लिए, उठकर सुनाता कहानी।
कुछ खुशियाँ पूछ रही थी पता यूँ हीं तक़रार में। कुछ खुशियाँ पूछ रही थी पता यूँ हीं तक़रार में।
मित्र है तो, जोर बन। अन्याय है तो, शोर बन। मित्र है तो, जोर बन। अन्याय है तो, शोर बन।
दुनिया तो आज भी वैसी की वैसी है जैसी तुम्हारे आने से पहले थी। दुनिया तो आज भी वैसी की वैसी है जैसी तुम्हारे आने से पहले थी।
इतने सारे गुण हैं इसमें, फिर भी रहती मौन।। इतने सारे गुण हैं इसमें, फिर भी रहती मौन।।
खुशी की परिभाषा सबके के लिए अलग अलग। खुशी की परिभाषा सबके के लिए अलग अलग।
स्नेहमयी ममता की मूरत सजी हैं ऐसी धरापर अपने परिवार की गाथा सदा जिसके अधरोंपर। स्नेहमयी ममता की मूरत सजी हैं ऐसी धरापर अपने परिवार की गाथा सदा जिसके अधरोंपर...
बेवजह इस बाजार मे चलता हूँ बेवजह इस प्यार मे पड़ता हूँ। बेवजह इस बाजार मे चलता हूँ बेवजह इस प्यार मे पड़ता हूँ।
वो बात-बात पे हँसना बात- बात पे रो देना तेरी आँखें याद आई तेरा लहज़ा याद आया वो बात-बात पे हँसना बात- बात पे रो देना तेरी आँखें याद आई तेरा लहज़ा याद आया
कुछ नया लिखने के लिए आज कलम उठाई है, अपने अंदर आज एक नई सोच जगाई हैै। कुछ नया लिखने के लिए आज कलम उठाई है, अपने अंदर आज एक नई सोच जगाई हैै।
महामारी से रहे सुरक्षित, लॉक डाउन का चयन किया। महामारी से रहे सुरक्षित, लॉक डाउन का चयन किया।
ये जो तेरी बिंदिया है तेरे माथे का साज सजाती है ये जो तेरी बिंदिया है तेरे माथे का साज सजाती है
मिलने पर होंगी बातें कुछ, आंखों में क्या छुपा रखा है। मिलने पर होंगी बातें कुछ, आंखों में क्या छुपा रखा है।
उन सारे रंगों का प्यार लगता तेरा ही आभास है उन सारे रंगों का प्यार लगता तेरा ही आभास है
लिखूँ मैं किस तरह से पुण्य रिश्तों की कहानी को? लिखूँ मैं किस तरह से पुण्य रिश्तों की कहानी को?
चल रही बिन पतवार की नाव ,हवा की झोंका अब सहा न जाए, चल रही बिन पतवार की नाव ,हवा की झोंका अब सहा न जाए,
न जाने कितने नकाब लपेटे.. यहाँ हर रिश्ता खड़ा है.. न जाने कितने नकाब लपेटे.. यहाँ हर रिश्ता खड़ा है..