वक्त यह भी गुजर जाएगा
वक्त यह भी गुजर जाएगा
ना ही इतराएं ना ही करें गम,
चाहे कमजोर हों या बली हम।
आदिकाल से चला चक्र जो,
ना ठहरा ना रुक पाएगा।
समय भला हो या हो बुरा यह,
कभी एक सा ना रह पाएगा।
धूप- छांव से सुख -दुख आते,
समय चक्र चलता जाएगा,
वक्त यह भी गुजर जायेगा।
मत मतांतर जहां में अनेक,
पर नियंता सभी का है एक।
सब दिखाते हैं खुद को ही नेक,
पर दमन में खपाते विवेक।
निर्बल को सदा सब हैं सताते,
देते बलशाली को मस्तक टेक।
श्रेष्ठतम हम ही हैं हम हैं खास
यह भ्रम हमारा निकल जाएगा,
वक्त यह भी गुजर जाएगा।
बढ़ा करके या मुंड़ाकर के केश,
करके धारण अजब सा ही भेष।
स्वार्थ साधन के अगणित बहाने
परमार्थ के हैं इस जहां को जताने।
मुश्किल आए उठाने में खुद को
लगते
हैं तब दूसरों को गिराने।
जिन्दा लाशों को सीढ़ी बनाने,
में ही जीवन गुजर जाएगा
वक्त यह भी गुजर जाएगा।
ना ही डराएं कभी ना डरें हम
शक्तियां सारी अर्जित करें हम।
विश्व बंधुत्व शुभ भाव लेकर,
हम सभी का ही जीवन सवारें।
ज्ञान हस्ती की करके सवारी
रुकावटों को श्वान सम ही विचारें।
प्रभु की शुभता के अहसास से ही,
गम सहजता से ही डर जाएगा
वक्त यह भी गुजर जायेगा।
वक्त कभी भी ना रहता है एक,
कभी ताड़ना तो कभी अभिषेक।
सदा गहें सार को थोथा फेंक,
हर क्षण का होता अवलंब विवेक।
प्रभु पर हमें रहे सदा विश्वास
कृति हो तुम उसकी बड़ी ही खास।
सत्य शुभता भरी राह है यह,
जीवन खुद ही संवर जाएगा
वक्त यह भी गुजर जाएगा।