जीवन का लक्ष्य
जीवन का लक्ष्य
हर दिन मैं कुछ ना कुछ औरों को देता जाऊँ
आज का दिन कल से और भी सुन्दर बनाऊँ
एक यही संकल्प लिए निरन्तर चलता जाऊँ
संग मेरे है परमात्मा खुद को ना अकेला पाऊँ
हाथ मिला है उसका अब खुद को ना रुलाऊँ
दर्द मिले चाहे कितना भी हर पल मैं मुस्काऊँ
अपना हर सपना दिल की धड़कन में बसाऊँ
अपने भाग्य की रेखा खुद ही खींचता जाऊँ
प्यार के अनन्त सागर में खुद को पूरा डुबाऊं
जीवन का हर पल मैं खुशियों से भरता जाऊँ
जो चाहता है ऊपर वाला वही मैं करता जाऊँ
अपने जीवन का लक्ष्य मैं सहज रीति से पाऊँ।