जीवन है एक मिर्च मसाला।
जीवन है एक मिर्च मसाला।
जीवन एक है मिर्च मसाला,
कभी तीखा,
कभी हल्का,
कभी नमकीन,
और कभी आंखों में आंसू दे जाता।
किंतु काफी अपने पे निर्भर करता,
अगर रहो प्यार से,
मेल-मिलाप से,
बांटों सबके सुख दुःख,
तो जीवन बन जाएगा खीर,
इतना हो जाएगा स्वादिष्ट,
उंगलियां चाटते रह जाओगे ' अनिल'।
किंतु अगर लोगे पंगें,
दिन-रात करोगे दंगें,
तो फिर वक्त सिखाएगा सबक,
जो न भूल पाओगे ताउम्र।