जीवन एक खेल है
जीवन एक खेल है
जीवन एक खेल है
सारी दुनिया मैदान है जिसका
खेल लो तुम चाहे जितना
जी भरकर अपना ये जीवन का खेल !
कर्मो से अपने पीछे मत भागो
मेहनत से अपनी मन्ज़िल को साधो
समय आता नहीं लौटकर दुबारा यहाँ
कभी होगा नहीं फिर दुनिया से मेल !
मुश्किलों से लड़ना सीखो तुम यहाँ
परेशानियों से घबराना क्या
एक बात जान लो, जब गिरोगे नहीं
जीवन में फिर तुम उठोगे कैसे..?
बस डटे रहना है तुम्हें इस मैदान में
बग़ैर हिम्मत को हारे..!
कदम एक आगे बढ़ाओ तुम अपना
दिखेंगे तुम्हे फिर ज़िन्दगी के उजाले !
ज़िन्दगी एक खेल है पंडा
खेल लो तुम भी इसे शौक़ से
ज़िन्दगी तेरी है खेल मनभर जिसे
क्यूँ डरता है तू जमानें की भौंक से..!