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निरंजन तिवारी

Drama Inspirational

5.0  

निरंजन तिवारी

Drama Inspirational

जीतता कब हूँ, हारकर देखता हूँ

जीतता कब हूँ, हारकर देखता हूँ

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जीतता कब हूँ ?

हार कर देखता हूँ !

इस बार उम्मीदें लगाकर देखता हूँ...


जानता हूँ,

सफर आसान नहीं है

अब काँटों पर टहलकर देखता हूँ...


हारकर जीतूंगा या

जीतकर हारूँगा ?

फिर यह गुनाह करके देखता हूँ...


वक्त बदलेगा या

मैं बदलूंगा ?

इस बार कुछ बदलकर देखता हूँ...


जानता हूँ,

एक दिन जीतेगा 'सागर'

जीत की राह पर

चलकर देखता हूँ...!


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