जीतता कब हूँ, हारकर देखता हूँ
जीतता कब हूँ, हारकर देखता हूँ
जीतता कब हूँ ?
हार कर देखता हूँ !
इस बार उम्मीदें लगाकर देखता हूँ...
जानता हूँ,
सफर आसान नहीं है
अब काँटों पर टहलकर देखता हूँ...
हारकर जीतूंगा या
जीतकर हारूँगा ?
फिर यह गुनाह करके देखता हूँ...
वक्त बदलेगा या
मैं बदलूंगा ?
इस बार कुछ बदलकर देखता हूँ...
जानता हूँ,
एक दिन जीतेगा 'सागर'
जीत की राह पर
चलकर देखता हूँ...!