झलक
झलक
वाकिफ हूँ
ज़ानिब से तेरी
मैं भी
बहुत खूब
गुस्सा, नाखुश, रुस्वाई
ये तेरे
अंदाज़ हैं गैरों
के लिए।
बस नजरभर देख लेना
सिर्फ, तेरा मुझको
अंदाजे बयां है
मेरे लिए !
वाकिफ हूँ
ज़ानिब से तेरी
मैं भी
बहुत खूब
गुस्सा, नाखुश, रुस्वाई
ये तेरे
अंदाज़ हैं गैरों
के लिए।
बस नजरभर देख लेना
सिर्फ, तेरा मुझको
अंदाजे बयां है
मेरे लिए !