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Salil Saroj

Romance

3  

Salil Saroj

Romance

जब वो चले  तो  अदाओं में बहार

जब वो चले  तो  अदाओं में बहार

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जब वो चले तो अदाओं में बहार लेके चलते हैं 

कभी गुलमोहर तो कभी गुलनार लेके चलते हैं 


जिधर देखें उधर वो ही नज़र आए हैं दफ़अतन 

वो अपने जिस्म में क्या खुमार लेके चलते हैं 


होंठों पर लाली, आँखों में काजल, चेहरे पर हया 

वो अपनी तासीर में कितने अंगार लेके चलते हैं 


उसे देख लें जी भर के तो भूख लगे, ना ही प्यास 

वो साथ-साथ अपने शायद घर-बार लेके चलते हैं 


जो शख़्श मिला शहर में, उसका दीवाना निकला 

वो मदभरी निगाहों में पूरा संसार लेके चलते हैं।


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