जब मैं छोटा बच्चा था
जब मैं छोटा बच्चा था
जब मैं छोटा बच्चा था ,
किसी से भी ना डरता था,
चाहे जो भी हालात हो मेरे,
मैं उसने खरा उतरता था ,
पर जब धीरे-धीरे बढ़ा हुआ ,
सब ने मुझको सिखलाया डरना किसको कहते हैं,
यह भी मुझ को बतलाया,
हर चीज से मुझको अब डर लगता है ,
क्योंकि समाज ऐसे ही चलता है ,
फिर एक दिन आईने के आगे खड़ा ऊंचे स्वर में बोल पड़ा,
अब नहीं मुझे डरना है,
फिर छोटा बच्चा बनना है
फिर मैंने डर को त्याग दिया,
अब मैं फिर छोटा बच्चा हूं, किसी से ना डरता हूं,
हालातों पर अपने खुद से काबू करता हूं
अब मैं छोटा बच्चा हूं।
