जब बचा नहीं कोई ऑप्शन
जब बचा नहीं कोई ऑप्शन
पैर सड़ जाने के बाद जब बचा नहीं कोई ऑप्शन
डाक्टरो ने कहा अब करना होगा तुरंत आपरेशन
नहीं तो पूरा शरीर ही सड़ जायेगा
समय के पहले बेमौत मर जायेगा
छोटी सी चींटी से भी जो बंदा डरता था
सच में आज उस पर भारी कहर बरपा था
वो कोस रहा था उस समय को
जब मना करने पर भी वह घर से निकला था
ज़िद थी उसकी आज हवा से बातें करना था
बाइक पर सवार वह नाबालिग लड़का था
समझ कम जोश कुछ ज्यादा था
सच में उस दिन कुछ गड़बड़ होने वाला था
अचानक उस मोड़ पर एकाएक ट्रक आया
बाइक समेत उसके परखच्चे उड़ाया
पैर टूटा हाथ टूटा दोस्तों का भी साथ छूटा
अब बिस्तर पर पड़े पड़े बिता रहा था दिन
तभी डाक्टरों ने बताया अब जीना पड़ेगा पैरो के बिन
बड़ा दर्दनाक फैसला था आपरेशन कराना जरूरी था
इसके बिना उसका ज़िंदा रह पाना भी मुश्किल था
एक तरफ कुआँ तो दूजी तरफ खाई थी
इस मुश्किल में भी साथ देने वाली बस माँ थी
अब उसका जुनून था ठंडा और पैर गवां के समझ थी आई
उसने मन ही मन ठान लिया करेगा अब सबकी भलाई
रात दिन वह मेहनत करता
मां बाप का दुलारा था
सच कह रहा है कुमार
वो सबकी आंखों का तारा था
