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Mukesh Kumar Modi

Abstract Inspirational

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Mukesh Kumar Modi

Abstract Inspirational

जाने से पहले आने की तैयारी

जाने से पहले आने की तैयारी

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आये हो इस जग में, तो वापस भी होगा जाना

पक्का नहीं रहता यहाँ, किसी का भी ठिकाना


अगली मंजिल कौनसी है, इस पर करो विचार

आखिर किसलिए मिला, हम सबको ये संसार


ऐसी कौनसी चीज हम, लेकर धरती पर आए

किस वजह से इतने वर्ष, इस तन में टिक पाए


हर कोई जीता यहाँ, जैसे कि सदा यहीं रहेगा

वापस जाने वाली बात पर, ध्यान नहीं धरेगा


सदा समझना इस दुनिया में, खुद को मेहमान

जहाँ मिला जीवन वहाँ का, सदा करो सम्मान


सबसे निर्लिप्त रहने का, मन में जगाओ भाव

शुद्ध करते जाओ अपनी, आत्मा का स्वभाव


तारीख नहीं कोई जानता, दुनिया से जाने की

हर घड़ी को समझना, यहाँ से वापस जाने की


अपने हर क्षण का तुम, उपयोग करते जाओ

अवगुण रूपी किचड़े को, बाहर फेंकते जाओ


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p>करते जाओ बिगड़े हुए, हर सम्बन्ध में सुधार

अपने शुद्ध व्यवहार प्रति, सदा रहो ईमानदार


अपने जीवन को तुम, अब ना बनाओ जंजाल

काटो अपने विकर्मों का, बुना हुआ हर जाल

 

पापों का कोई बोझ, अपने सर पर ना चढ़ाओ

वापस जाने से पहले, खुद को हल्का बनाओ


जाने का समय आया, कुछ ऐसा करके जाओ

अपने श्रेष्ठ कर्मों की, यादगार छोड़कर जाओ


सद्गुणी और मूल्यवान, अपना जीवन बनाओ

सारी दुनिया को एक, आदर्श बनकर दिखाओ


वापसी के समय प्रति, पूरे जागरूक हो जाओ

अपने अगले जीवन की, तैयारी में जुट जाओ


जैसा जन्म चाहिए वैसी, मन में तस्वीर बनाओ

उसी के अनुरूप खुद के, संस्कार बनाते जाओ


जैसे श्रेष्ठ कर्म तुम, इस जन्म में करके जाओगे

ये वादा है भगवान का, वैसा ही जीवन पाओगे।


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