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Akanksha Gupta (Vedantika)

Abstract

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Akanksha Gupta (Vedantika)

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इश्क का इजहार

इश्क का इजहार

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आज प्यार की वो

बात कर ही दो,

अपने इश्क का

इजहार कर ही दो।


दिल में दबी हुई है

जो अधूरी ख्वाइशें,

जो दिल के एक कोने में

जिंदा है कही।


आज उन ख्वाहिशों को

खुलकर साँस लेने दो,

दो लफ्ज प्यार भरे

जीभर कहने दो।


आज प्यार की वो

बात कर ही दो,

अपने इश्क का

इजहार कर ही दो।


छुपे हुए जज्बातों को

होने दो जाहिर,

ढलने दो आँखों को

एक खुली हुई किताब में।


हर दिन हर पलछिन

यह किताब खुलने दो,

इस किताब के हर पन्ने पर

नई इबारत लिखने दो।


आज प्यार की वो

बात कर ही दो,

अपने इश्क का

इजहार कर ही दो।


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