इस देश कि माटी
इस देश कि माटी
रग रग में बसा है इस देश कि माटी।
अंग अंग में बसा है कण कण ये माटी।।
माँ के चरणों के फूल है कण कण ये माटी।
गुलाब के फूलों की महक है भारत की माटी।।
संत ऋषियों की जन्म स्थली है माता की चरणों की पावन माटी।
बुद्ध महावीर के साधना भूमि हैं हिंदुस्तान की पवित्र ये माटी।।
रानडे सावित्री सावरकर की है समरसता की पवित्र ये माटी।
वीर शिवाजी स्वाभिमानी राणा के युद्ध भूमि है पवित्र ये माटी।।
केशव माधव की कर्म भूमि है माँ भारती कि माटी।
श्री विष्णु के अवतारों की जननी भूमि है ये माटी।।
वीरों के रक्त से संचित आर्यावर्त की ये माटी।
नस नस में दौड़ा है लहू सी पवित्र ये माटी।।
रग रग में बसा है इस देश की माटी।
अंग अंग में बसा है कण कण ये माटी।।
