भारत का सैनिक कहलाता मैं
भारत का सैनिक कहलाता मैं
वर्दी भर धारण करने से,
रायफल-बन्दूक उठाने से,
सैनिक नहीं बन जाता मैं,
विस्तृत पहचान बनाकर ही,
सैनिक सच्चा कहलाता मैं।
बस शस्त्र मेरी पहचान नहीं,
संग्राम मेरी भी चाह नहीं,
'नो फर्स्ट स्ट्राइक' का मंत्र मेरा,
तानाशाही नहीं, देश लोकतंत्र मेरा,
पर संयम की भी सीमा है,
आख़िर मिट्टी मेरी माँ है,
लक्ष्य नहीं सीमा-विस्तार,
किन्तु रक्षा मेरा अधिकार,
अतः हथियार उठाता मैं,
भारत का सैनिक कहलाता मैं।
संशय यदि हो, ये बात मान लें,
सच्ची मेरी पहचान जान लें,
कारगिल रण में इन हाथों ने,
रायफल के ट्रिगर दबाये थे,
केदारनाथ-केरला में किन्तु,
अनेकों प्राण बचाये थे,
हो शत्रु या आपदा से सामना,
पहचान मेरी बस यही जानना,
शौर्य, वीरता, निःस्वार्थ सेवा
इनसे ही जाना जाता मैं,
देश-देशवासी की रक्षा से ही,
भारत का सैनिक कहलाता मैं
भारत का सैनिक कहलाता मैं।।