ऐ जिन्दगी ...
ऐ जिन्दगी ...
ऐ जिन्दगी तू हमसे क्या लड़ेगी,
हम तुझको लड़ना बतलायेंगे।
तपती हुई धूप में,
हम तुझको सूरज की रोशनी से,
शीतल पानी पीना सिखलायेंगे।
ऐ जिन्दगी हम तुझको लड़ना बतलायेंगे॥
कँपकँपाती ठंड में भी,
हम तुझको हिम्मत की गर्म चादर,
ओढ़ना सिखलायेंगे।
ऐ जिन्दगी हम तुझको लड़ना बतलायेंगे॥
बड़े से सूखे रेगिस्तान में भी,
हम तुझको उम्मीदों की ठंडी हवाओं के साथ,
चलते रहना सिखलायेंगे।
ऐ जिन्दगी हम तुझको लड़ना बतलयेंगे॥
मुश्किलों के गहरे सागर को भी,
हँसते हुऐ तैर कर पार करना हम सिखलायेंगे।
ऐ जिन्दगी हम तुझको लड़ना बतलायेंगे ॥