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Lokanath Rath

Inspirational

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Lokanath Rath

Inspirational

इनसान हों यारों...

इनसान हों यारों...

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इंसान हों यारों

  यहीं है जीना यहीं मरना,

कर्म ही करते जाना

  सिर्फ, करते जाना।

इंसान हों यारों.....


मुश्किलें तो आयेंगी

  रस्ते मे चलते चलते,

जिनकी हौसले बुलंद हों

 वो नहीं डरते।

अपनी लक्ष तय करो

 हार नहीं मानना।

इंसान हों यारों......


कब क्या होगा

 ये तो नहीं पता,

झूठे है यहाँ सारे

  झूठे सारे नाते।

अपना विश्वास कभी

  यारों खो नहीं देना।

इंसान हों यारों.......


वक़्त तो आता जाता है

   समझा करो,

वक़्त से नहीं घबराओं


 थोड़ा सब्र करो।

मरने से पहेले तुम

  सीख लो जीना।

इंसान हों यारों....


फ़िल्म -परिचय

धुन -मुसाफिर हूं यारों

न घर है, न ठिकाना,

मुझे चलते जाना है

 बस, चलते जाना।



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