इनका हक भी मायने रखता है
इनका हक भी मायने रखता है
बिहार के 'विकासपुरूष' से हिम्मत देने की गुहार करता वह बालक ,
व्यवस्था की सच्चाई का कहता कितना करूण कहानी है !
दावे और दारूण वास्तविकता की तस्वीर पेश करने वाला,
वो बालक ऐसे ही अनगिनत गुमनाम आवाज़ों की जुबानी है ।
बेखौफ, निडर वो बालक है
चेहरे पे तेज लिये बिहार की धरती से उपजा चमकता अमूल्य सितारा है ,
तेज- ओज से परिपूर्ण वह अल्प आयु की अनुभव का पिटारा है
वाकपटुता में भी वो धीर - भीर- गंभीर है।
निर्भीकता का चोला पहने ,
अपनी बात खुलकर रखने में वो नि: संकोच ही सचमुच वीर है ।
व्यवस्था को आईना दिखाने के लिए क्या इतना नहीं काफी है !
बहरी कानों तक आवाज़ पहुँचाने के लिए क्या अब भी कुछ बाकी है !
वह और कुछ माँग न रहा , वह अधिकार ही तो अपना माँगा है !
शिक्षा के प्राप्ति के प्रति मसाल जलाने वाला वो बालक क्रांति का अग्रदूत है !
व्यवस्था के लाचारियों से त्रस्त , तल्ख सच्चाई कहता वो बालक सच में परिवर्तन का संदेशदूत है !
न सिर्फ अपनी समस्या कहता उसके पास समाधान के उपायों की बात भी बेबाकी है !
ये तो बस शुरुआत है उसकी,
उसमें कुछ कर गुजरने का जज्बा उसमें काफी है ।
धन्य हैं वो माँ-बाप जो 'सोनू ' जैसे होनहार सपूत को जन्म दिया ।
और प्रशंसा और साधुवाद का पात्र है वो बालक भी,
जो आयु की सीमा से परे अपनी सोच को सीमाहीन अनंत करने का प्रण किया ।।