इन्द्रधनुषी जीवन
इन्द्रधनुषी जीवन
इन्द्रधनुष के रंगों, जैसा जीवन सार
रंग यही बनते हैं, जीने का आधार !
है रंग कोई फीका सा, दुख का बने प्रतीक
पर रंग उभरते भी हैं, बरसाते जो प्यार !
ऐसे ही जीवन में, अश्रु व हर्ष समाते
रात अगर हो काली, फिर भी है उजियार !
अम्बर की बूंदों में, श्वेत किरण जब मिलती
तब जाकर बनता है, सतरंगी आकार !
सातों रंग मिलें तो, एक रंग बन जाय
जीवन में सुख दुख भी, संग करें बौछार!
देखे रंग गगन में, मन सबका हर्षाय
ऐसे ही जीवन में, लाते हैं रंग बहार !
जीवन ये महका दो, अपनी छटा बिखेरे
दूर करो सतरंगी, मन से सबके ख़ार !
बीच बदरिया झूले, झूला तू सतरंग
इन्द्रधनुष तुम आना, धरती पर इक बार!
जीवन को जीने का, है एक अनोखा राज़
इन्द्रधनुष रंगों को, जीवन में लो उतार!
