STORYMIRROR

Drsonia gupta

Inspirational

4  

Drsonia gupta

Inspirational

माँ इक अनमोल खजाना

माँ इक अनमोल खजाना

1 min
316

जग में आकर पहचाना है,

माँ इक अनमोल खजाना है !


झूठे हैं सब रिश्ते नाते,

सच्चा माँ का याराना है!


उसने तो सीखा बस हम पर,

ममता का रस बरसाना है !


खुद रहती भूखी प्यासी माँ,

बच्चों को देती खाना है !


इससे पहले रोये बच्चा,

माँ का ही रोना आना है !


अपने आंसूं सारे भूले,

माँ जाने हमें हँसाना है !


माँ, अद्भुत रचना है रब की,

यह सच सबने ही माना है !


कहती “सोनी” सुन लो तुम सब,

तुम सबको यह बतलाना है !


रब से पहले पूजो माँ को,

मुश्किल इक माँ को पाना है !




Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational