मातृत्व
मातृत्व
दुनियां का सबसे अनमोल रत्न
जिसने दिया हमको ये जीवन
उसी से हैं मिले प्राण हमें ये
उसी ने दी अपनी गोद में शरण
ऐसी माँ को शत शत है नमन।
इक जननी कहलाती है वो
ममता की छांव बिखराती है वो
खुद अपने खून से सींच के
शिशु के तन मन बनाती है वो
उसका कर्ज़ चुकाना है कठिन।
लाख करे कोशिश सख्ताई की वो
फिर भी मूरत है नरमाई की वो
आंसूं अपने छिपा के आँखों में
करती सन्तान संग खेल हंसाई वो
रखती न कोई भी द्वेष शिकन।
शीतलता भी अपनी बरसाती वो
आन पड़े संकट जो सन्तान पर
फिर दुर्गा भी बन जाती है वो
उसके रूपों का नहीं है विवरण
ऐसी अनोखी शक्ति का उदाहरण।
