इकाई को दहाई में बढ़ाना है नहीं मुश्किल
इकाई को दहाई में बढ़ाना है नहीं मुश्किल
इकाई को दहाई में.... बढ़ाना है नहीं मुश्किल ।
लुटा भी हो अगर जीवन, सजाना है नहीं मुश्किल ।
अगर विश्वास हो मन में, सितारे, चाँद छूने का,
जहाँ में फिर तुम्हारा जगमगाना है नहीं मुश्किल ।
खुदा की ये खुदाई है, मिलेगा पेट को खाना,
दुआ लेकर चलो माँ की, कमाना है नहीं मुश्किल ।
सुनहरे पंख को दुनिया, कतरने पर तुली रहती,
रखो पर सावधानी तो, बचाना है नहीं मुश्किल ।
किसी की क़ामयाबी ही नहीं पचती है लोगों को,
ये मानो खुश रहो फिर गुनगुनाना है नहीं मुश्किल ।
हमेशा ही मिला दलदल तो इसका रंज मत करना,
कमल सा 'पुष्प' बनकर खिलखिलाना है नहीं मुश्किल ।