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Smita Singh

Inspirational

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Smita Singh

Inspirational

इजाजत

इजाजत

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है तुझे भी इजाजत, अपने पंख फैलाने की

परम्पराओं के पिंजरे से आजाद, ख्वाहिशों के आसमां में उड़ जाने की,

पुरुषत्व की जमीन से परे, तेरे अस्तित्व का अपना एक जहां है,

तेरी आकांक्षाओं से महकता जिसका, अपना एक मकाम है।


नारी है तू इस विश्व की सृजनकर्ता, सृजनात्मकता तेरा सबसे बड़ा वरदान है,

सृजन कर खुद के वजूद का, अहसासों का, महत्वाकांक्षाओं का, ख्वाहिशों का,

ना कर भय, इस जहां के द्वारा निर्मित सीमाओं का,

उठ परचम लहरा अपने स्त्रीत्व का, उद्घोष कर तेरे सरीखा कोई नहीं इस जहां में,

अवतरित होने उस ईश्वर को भी, आना पड़ता है तेरे गर्भ की छांव में।



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