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Piyush Lad

Abstract

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Piyush Lad

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~ईश्वर~

~ईश्वर~

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ना खुली किताब हूँ, न ही खाली

ना गीता हूँ ,न ही कोई कविता

मैं सिर्फ तेरे दिल के अल्फाज हूँ

मैं सिर्फ तेरा ख्वाब हूँ।


तेरी जिंदगी का नाज, तेरी मुस्कानो का राज हूँ

तू मुझे जान नहीं पाया, इसलिये थोड़ा नाराज हूँ

सिर्फ तू आजमा सके,ऐसा एक अंदाज हूँ

मैं खुला सा आकाश हूँ, तेरी दबी सी आवाज हूँ

मैं सिर्फ तेरा ख्वाब हूँ।


तेरे सपनो वाली रात हूँ, मैं अनकही सी बात हूँ

तेरे आंखो की बरसात नही,मै हर पल तेरे साथ हूँ

मैं मंदिरो की आरास नहीं

मैं सिर्फ तेरा ख्वाब हूँ।


मैं जिंदा सी लाश हूँ, एक खोई सी तलाश हूँ

मै अधुरासा विश्वास हूँ, मैं हर जीव का श्वास हूँ

चाहे तू कहे मुझे भगवान,

खुदा या ईश्वर,पर मैं सिर्फ तेरा ख्वाब हूँ।


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