हवाओं पर कोई कहानी लिखूं
हवाओं पर कोई कहानी लिखूं
हवाओं पर कोई कहानी लिखूं,
अपनी मैं क्यों जिंदगानी लिखूं?
लहरें क्या सागर में बनना बिछड़ना है ,
मिट्टी का जीवन मिट्टी में बिखरना है,
हंसना कभी रोना निखरना बिफरना,
क्यों जन्मो की आदत पुरानी लिखूं?
हवाओं पर कोई कहानी लिखूं,
अपनी मैं क्यों जिंदगानी लिखूं?