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Sonnu Lamba

Drama

3  

Sonnu Lamba

Drama

हवा

हवा

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अगर मैं हवा हो जाऊं,

तो भी, नही बनना मुझे

शहर की हवा, 


वहां के पार्क की भी नहीं, 

गांव की भी नहीं, 

दूर किसी बस्ती की भी नहीं, 

मुझे बनना है, जंगल की हवा 


एकदम आजाद और आवारा 

जंगली फूलो की गंध लिये 

पेड़ पौधो, झाड़ियों, झरनो से गुजरती।


कव्वों, चिड़ियों, तीतरो के पंखों में

उड़ान भरती 

चट्टानों, टीलों से टकराती, धूल उड़ाती 

इठलाती, इतराती, उड़ती फिरती।


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