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Pragati Chandrakar

Romance

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Pragati Chandrakar

Romance

हूकूमनामा

हूकूमनामा

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हुकूमनामा भिजवा दूँ तुझे

लाने तेरे सरज़मीन पर

अगर तुझे बंदिशों में रखना

मेरे इश्क-ए-इबादत होती।


कहीं नहीं मल्लिका ऐसा

जमाने में कोई जो तुझे

खुद के खिलाफ कर

लिहाफ में रखे

खुद को सितम कर।


कि तू खुश रहे

बेवफा समझकर हमें

हम तेरी यादों को रोज

गहराकर इश्क-ए-

खुदा गुमान करे।


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