प्रेम बेली
प्रेम बेली
मैं हर पल तुम पर मरती हूं
तुमसे ही काबिल करती हूं
तुम पर से गुजरे हर सपने मेरे
तुमसे ही पुरे करती हूं
मैं तो खुद की सौतन हूं
जो तुमसे खुद से लडती हूं
पर मैं तो एक बंजारन हूं जो
तुम पर झुमा करती हूं
मोह की बोली ना मैं जानू
मै तो तुझमें ईश्वर पहचानू
प्रेम रूप मुझे आप दिला दो
फिर मैं सारे मोह भुला दूं।