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Sandhya Chaturvedi

Tragedy

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Sandhya Chaturvedi

Tragedy

हत्यारे हो तुम

हत्यारे हो तुम

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सुनो,

आज तुमसे कुछ कहना है

सुनानी है दिल की एक बात

जिसे मैंने अपनी पलकों के

तले हमेशा छिपा कर रखा था

कि कहि हकीकत जान

तुम उस से मुँह फेर लोगे,


लेकिन आज दिल बहुत

भारी हो रहा है।

पता नही कब इस

झंझर पिजरे से

प्राण पंख लगा कर

उड़ जायेंगे।


इस छटपटाहट से पहले

मैं तुम्हे बताना चाहती हूँ कि

तुम एक हत्यारे हो,

हाँ ठीक सुना तुमने।

हत्या की तुमने मेरे

सारे अरमानों की

बेबसी और लाचारी

की जिंदगी जीने पर तुमने

मुझे मजबूर कर दिया।


हत्या कर दी मेरे सम्मान की

मेरे आत्म विश्वास की।

खून से लथपथ

मैं अपनी लाश को

अपने ही कांधे

पर लिए फिरती रही वर्षो

और तुम्हें इस का अहसास

भी नहीं हुआ कभी।


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